कभी कभी हमें लगता है कि
हमारे पास बहुत समय है
कुछ करने के लिए
जो चाहा है, जो सोचा है
अपने लिए या अपनों के लिए
बहुत समय नहीं तो
कम से कम उतना समय
जितना हमारे जैसे बाकियों को मिला
पर किस्मत
जी हां किस्मत
सब पर मेहरबां नहीं होती दोस्त
एक पल में
सारे सपने बिखर जाते हैं
एक पल में
सारी उम्मीदें टूट जाती हैं
बिन सपनों व उम्मीदों के जीना कैसा होता है
क्या आप जानते हो?
एक पल में
खुद पर से, सबसे, ईश्वर से
भरोसा टूट जाता है
एक पल में रंगीन दुनिया
बेरंग सी जान पड़ती है
टूटे भरोसे के साथ
बेरंग दुनिया में जीना कैसा होता है
क्या आप जानते हो?
एक पल में
सफर की शुरुआत
अंत में बदल जाता है
एक पल में सब खास
बस तुच्छ बन जाता है
अंत को करीब आता देख
तुच्छ वस्तुओं के बीच जीना कैसा होता है
क्या आप जानते हो?
बहुर सुंदर |
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शुक्रिया 🤗
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Very👍👍👍 nice
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Thank you so much anupama ji 💐🤗
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जी हाँ,दरवेश रूमी बन जाओ तब कोई अपना या बेगाना ना लगेगा;कोई ख्वाब भी इक अनपढ़ी किताब सा लगेगा….
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दरवेश रूमी कौन हैं?
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फारसी सूफी संत।
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Ohh, संत ही बनना पड़ेगा अब तो शायद
आप भी बनोगे?
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मैं तो जन्म से ही सूफियाना मिज़ाज लेके षैदा हुई हूँ ।no problrm.🤣🤣😋😋😋
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Ohhh, तो फिर हमें भी सिखा दो ये मिज़ाज 😅😅😆😆
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वो तो खुदा की इबादत का जलवा है।
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हां सही कहा आपने
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🌺🙏💕🙏🌺
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