हमें पता नहीं चलता कि
कब हम जगे-जगे ही सो गए
और न सोते हुए पता चलता है कि
अभी सो रहे हैं या जाग रहे हैं
जब सपने देखते हैं उस वक़्त
उसे ही सच/हकीकत समझ लेते हैं
पर जब असल में जागते हैं
तभी ये समझ पाते हैं कि
” हम अबतक/कितनी देर तक नींद में थे
और वो केवल सपना था, जो झूठ था
और हमने कितना समय बर्बाद कर लिया
अपना या अपनों का
या कितना खो दिया खुद को या अपनों को ” ॥
( नोट – नींद मतलब भ्रम, जागना मतलब भ्रम का टूटना )
Sab mohmaaya hae!
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सही बात कही आपने 😄
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You are very good poet you write so well 👍
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Not so good dear 😅
Btw thank you 😁😃🤗
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अरे भाई!! सोना भी तो जरूरी है।कुछ ज्यादा सो गये तो दुनिया का क्या नुकसान हो गया।
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आप बात समझी नहीं बल्कि शब्दों में फंस गई अरुणा जी 😅
नींद से मेरा मतलब यहां कुछ और है
कृपया फिर से समझने का प्रयास करें 😃
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Bhtt badhiya …
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Thank you muskan ji 🤗
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Absolutely great 👍
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Thank you so much 🤗
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Bahut Khoob.
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शुक्रिया आपका कृतिका जी ☺️🤗
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True 💯💗
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Thank you dear ❤️🥰
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